लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोशल मीडिया के माध्यम से यूएसए कनाडा आदि देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर बन्धक बनाकर हवाला के माध्यम से अवैध वसूली करने वाले गिरोह के सरगना 20 हजार रुपये के अपराधी को उसके एक साथी के साथ किया गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के प्रवक्ता ने रविवार शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले काफी दिनों से प्रदेश के पूर्वांचल में एक गिरोह के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी,जिसके द्वारा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, फेसबुक मैसेन्जर एवं व्हाट्सअप आदि के माध्यम से विदेशों में विशेषकर अमेरिका एवं कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर वाराणसी बुलाकर बन्धक बना कर मारपीट एवं असलहों से डरा धमका कर लाखों रूपये हवाला के माध्यम से वसूलने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ के महानिरीक्षक नौकरी का झांसा अमिताभ यश पुलिस एवं प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने वाराणसी एसटीएफ फील्ड इकाई को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में वाराणसी एसटीएफ इकाई की टीम के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित कर कार्रवाई प्रारम्भ की गयी थी। इसी तरह की एक घटना 22 नवम्बर को वाराणसी के कैण्ट इलाके में घटित हुई थी, जिसके संबंध में कैण्ट पंजीकृत हुआ है, जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार करते हुये गिरोह के सरगना राजवीर सिंह यादव पर 20000 का पुरस्कार घोषित करते हुये वांछित किया गया है। जिसके बाद इसकी तथा अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिये सघन प्रयास शुरू किये गये। प्रवक्ता ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज सूत्रों से पता चला कि राजवीर सिंह यादव अपने साथी कपिल उर्फ भास्कर उर्फ भाटिया जो कि सह अभियुक्त है, के साथ पाण्डेयपुर से आजमगढ़ जाने वाले मार्ग पर रिंगरोड अण्डरपास के पास आने वाला है, जिसपर निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ की एक टीम द्वारा घेराबंदी कर बाइक सवार राजवीर और कपिल को गिरफ्तार कर उनके पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए। उन्होंने बताया कि इनका एक संगठित गिरोह है,जिसका सरगना राजवीर सिंह यादव है। यह गिरोह दो भाग में अपराध को अन्जाम देता है। पहले भाग को पवन गांधी जो कोलकाता का रहने वाला है तथा राहुल मेहरा जो मुम्बई का रहने वाला है, देखते हैं। इन दोनों लोगों द्वारा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, मैसेन्जर, व्हाट्सअप आदि पर फर्जी आईडी से यूएसए ,कनाडा में नौकरीब दिलाने का विज्ञापन पोस्ट किया जाता है। यह विज्ञापन विशेषकर बांग्लादेश, नेपाल एवं गुजरात के लोगों के लिये निकालते हैं और इसी विज्ञापन में सम्पर्क करने के लिये अपना एक मोबाइल नंबर भी दे देते हैं। इस नंबर पर बातचीत एवं व्हाट्सअप चैट करते हैं। प्रवक्ता बताया कि यह कार्य एक से दो माह तक चलता है। जब यह बात तय हो जाती है कि कोई व्यक्ति यूएसए/कनाडा जाने के लिये तैयार हो गया है तो उसी समय इच्छुक व्यक्ति को बताया जाता है कि नौकरी मिलने के तुरन्त बाद हवाला के माध्यम से एक व्यक्ति को 15 से 20 लाख रूपये तक देना पड़ेगा। एडवान्स के रूप में कुछ नहीं लगेगा। इसपर सम्बंधित व्यक्ति विश्वास कर लेता है और इनके परिवारीजन भी तैयार हो जाते हैं, तब पवन और राहुल मेहरा सम्बंधित व्यक्ति को वाराणसी बुलाते हैं और जब सम्बंधित व्यक्ति यहाँ पहुँच जाता है तो इन्हें एक होटल में ठहराया जाता और यहाँ से गिरोह के दूसरे भाग का काम शुरू हो जाता है उन्होंने इसका नेतृत्व स्वयं सरगना राजवीर सिंह यादव करता है। राजवीर अपने गैंग के सदस्यों के माध्यम से उक्त होटल और व्यक्ति की निगरानी कराता है कि कहीं पुलिस पीछे तो नहीं लगी है, जब निश्चिन्त हो जाते हैं तब सम्बंधित व्यक्ति को यह कहते हुये कि आपको हम लोग विदेश भेजने के लिये एयरपोर्ट ले चल रहे हैं और एयरपोर्ट न ले जाकर सारनाथ और सिगरास्थित अपने ठिकाने पर ले जाकर बन्धक बना लेते हैं। इसके बाद मारपीट एवं धमकाते हुये परिजनों से बात करवाते हैं कि यह बता दो कि हमलोग एयरपोर्ट पहुंच गये हैं, हमारी बोर्डिंग तैयार हो गयी है और मैं अपना मोबाइल स्विचऑफ कर रहा हूँ। विदेश पहुंचने के बाद बात होगी और मोबाइल स्विचऑफ कर लेते हैं। प्रवक्ता ने बताया कि विदेश में फ्लाईट के पहुंचने की अवधि के हिसाब से इनके गैंग के नेपाल निवासी लवली और मध्य प्रदेश निवासी संतोष दूबे सम्बंधित देश का वर्चुवल नम्बर इण्टरनेट से तैयार कर व धमकाकर परिवार के लोगों से यह बात कराते हैं कि मैं विदेश पहुंच गया हूँ और मुझे जॉब मिल गयी है और यहाँ का मौसम खराब है, इसलिये विडियो कॉलिंग नहीं कर पा रहा हूँ। जो पैसा तय हुआ था वह हवाला के माध्यम से दे दें। इसपर परिवार वाले विश्वास कर हवाला के माध्यम से पैसा इस गैंग के लोगों को भेजवा देते हैं, जिसे पवन गांधी दिल्ली में उक्त पैसा हवाला के माध्यम से प्राप्त कर लेता है। उन्होंने बताया कि पैसा प्राप्त हो जाने के बाद गैंग द्वारा बन्धक बनाये गये व्यक्ति को आंख पर पट्टी बांधकर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे टिकट देकर छोड़ दिया जाता है और पैसा गैंग में बराबर बाँट लिया जाता है। इस गिरोह द्वारा अब तक लगभग 35 से 40 लोगों के साथ इसी तरह की अवैध वसूली की जा चुकी है। गिरफ्तार अभियुक्तगण द्वारा पूछताछ में यह भी बताया गया कि वर्ष 2017 में नरेश चुन्नी लाल मोदी निवासी सी 12 लक्ष्मी अपार्टमेण्ट संतकबीर स्कूल के पीछे थाना नौरंगपुरा, अहमदाबाद, गुजरात से 14 लाख रूपये लिये थे।
विदेशों में नौकरी का झांसा देकर वसूली करने वाले गिरोह के दो बदमाश गिरफ्तार